प्रयागराज : प्रदेश भर के Ashaskiya Madhyamik Colleges में विज्ञापित पद खाली न मिलने का सिलसिला जारी है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने बुधवार को प्रशिक्षित स्नातक यानी टीजीटी वर्ष 2011 के दो विषयों शारीरिक शिक्षा व सामाजिक विज्ञान का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है, इनमें 22 पद ऐसे हैं, जो आठ वर्ष में अलग-अलग वजहों से भर गए हैं। हालांकि इन पदों के सापेक्ष अभ्यर्थी चयनित जरूर हो गए हैं।
चयन बोर्ड ने दोनों विषयों की लिखित परीक्षा जून 2016 में और साक्षात्कार फरवरी 2019 में कराया। टीजीटी वर्ष 2011 शारीरिक शिक्षा बालक वर्ग में सामान्य के 20, ओबीसी व एससी के 16-16, बालिका वर्ग में ओबीसी व एससी का एक-एक पद विज्ञापित हुआ था। अंतिम परिणाम जारी करने से पहले जिला विद्यालय निरीक्षकों से पदों का सत्यापन कराया गया। जिसमें बालक वर्ग में सामान्य के 17, ओबीसी के 16, एससी के 12, बालिका वर्ग में एससी का एक पद मिला है, जबकि ओबीसी का एक पद भर चुका है। विज्ञापित कुल 54 पदों में से वर्तमान में सिर्फ 46 पद मिले हैं।
ऐसे ही सामाजिक विज्ञान विषय में बालक वर्ग में सामान्य के 77, ओबीसी के 48, एससी के 53, बालिका वर्ग में सामान्य के आठ, ओबीसी के पांच व एससी के छह पद विज्ञापित हुए। डीआइओएस की जांच में वर्तमान में बालक वर्ग में सामान्य वर्ग में 77, ओबीसी में 43, एसी में 46, बालिका वर्ग में सामान्य में सात, ओबीसी व एससी में पांच-पांच पद मिले हैं। विज्ञापित कुल 197 पदों में से वर्तमान में सिर्फ 183 पद ही मिले हैं।
युवा मंच की परीक्षा रद करने की मांग : चयन बोर्ड ने प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक की लिखित परीक्षा फरवरी व मार्च माह में कराई थी। उसमें पूछे गए तमाम प्रश्नों के जवाब गलत होने पर युवा मंच ने परीक्षा रद करने की मांग की है। मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि सभी विषयों में पूछे गए सवालों के जवाब गलत मिल रहे हैं, अभ्यर्थी बड़ी संख्या में साक्ष्य के साथ आपत्ति कर रहे हैं। इसमें युवाओं का मानसिक शोषण किया जा रहा है। चयन बोर्ड उनके भविष्य को लेकर लापरवाह है इसीलिए ऐसे विशेषज्ञों से प्रश्नपत्र तैयार कराए हैं, जिसमें गलतियां बेशुमार हैं।