प्रयागराज : शहर के पश्चिमी छोर पर झलवा से चार किलोमीटर दूर कटहुला गौसपुर स्थित प्राथमिक पाठशाला में शहरी स्कूलों से कहीं ज्यादा बच्चे हैं। मंगलवार तक इस विद्यालय में 285 बच्चों का नामांकन था। कक्षा एक में 86 नए बच्चों का दाखिला कराया गया है। यह संख्या शहर के कई आदर्श परिषदीय विद्यालयों से दोगुना तक है, मगर सुविधाएं उतनी भी नहीं हैं। यूनीफार्म की गुणवत्ता यहां भी खराब है। मंगलवार दिन में 9:30 बजे जागरण की टीम ने विद्यालय का जायजा लिया तो कक्षा तीन में बच्चे बैठे मिले, लेकिन शिक्षिका नहीं थीं। पता चला कि सहायक अध्यापिका संध्या अवकाश पर हैं तो कोई पढ़ाने वाला नहीं है। कक्षा दो में कल्पना मिश्र और एक (अ) में सरिता देवी बच्चों को पढ़ा रहीं थीं। कक्षा एक (ब) में पंखा नहीं लगा था, लेकिन शिक्षिका की मेज पर प्लास्टिक का बैट्री से चलने वाला पंखा रखा था, वैसे भी बिजली गुल थी इसलिए दूसरी कक्षाओं में भी फर्श पर बैठकर पढ़ाई कर रहे 202 बच्चे गर्मी और उमस से बेचैन थे। पता चला कि अभी छात्रओं को ही यूनीफार्म बांटा गया है। यूनीफार्म की गुणवत्ता सही नहीं दिखी मगर प्रधानाध्यापिका शकुन कुमारी ने कहा कि हमने मानक के अनुसार खरीदा है। ज्यादातर बच्चों को जूते-मोजे भी नहीं मिले हैं जबकि नगर क्षेत्र में जूते मोजे बंट चुके हैं। प्रधानाध्यापिका ने कहा कि जूते मोजे जल्द लाए जाएंगे। बिजली के बारे में बोलीं कि गांव है इसलिए यहां बिजली कम रहती है।