शाहजहांपुर : बीएड की फर्ज़ी अंकतालिका लेकर नौकरी करने वालों पर गज गिर रही है। फर्ज़ी अंकतालिका बनाने वालों का बहुत बड़ा गिरोह है जिनके सम्बन्ध यूनिवर्सिटी से भी होते है और लोगो को फसा कर ये खेल खेलते है। फर्ज़ी अंकतालिका बनाने के ये लाखों रुपये लेते है। इन्ही फर्जी अंकतालिका की वजह से जो आगरा यूनिवर्सिटी की बीएड की फर्जी अंकतालिका लेकर नौकरी हासिल कर ली है शासन ने उन पर शिंकजा कसा दिया है अभी तक ऐसे 19 शिक्षक पकड़ में आए हैं जिन्होने बीएड की फर्जी अंकतालिका लकाकर नौकरी हासिल है। ये शिक्षक इसी साल अंतरजनपदीय स्थानांतरण होने पर एटा, मैनपुरी, फरुखाबाद, मैनपुरी, मथुरा, फिरोजाबाद, जेपी नगर और कांशीराम नगर के लिए कार्यमुक्त हुए थे। बीएसए राकेश कुमार ने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया पत्र भेजे हैं। चार मार्कशीट का संबंध अलीगढ़ के डिग्री कॉलेज से भी मिला है।
न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते शासन ने बीएड की फर्ज़ी अंकतालिका लगाकर नौकरी वाले 4570 शिक्षकों की जांच कराई। इस जाँच के लिए बीएसए के नेतृत्व में एक टीम गठित हुई थी इस टीम को जाँच से पहले ही 18 शिक्षकों की बीएड की डिग्री फर्जी मिली थी। जिन शिक्षकों की बीएड की डिग्री फर्जी मिली थी उनको बर्खास्तगी का नोटिस भेज दिया गया था। इसी क्रम में जाँच समिति अपनी जाँच को आगे बढते हुए 19 अन्य शिक्षकों को और पकड़ा है जो B.ed की फर्ज़ी अंकतालिका लगाकर नौकरी कर रहे थे। ज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वाई के गुप्ता का कहना है कि मार्कशीट विवि जारी करता है, संस्था नहीं। विवि बताए कि मार्कशीट फर्जी बनाई या सही। इसी साल शिक्षकों को किया गया था कार्यमुक्त, कार्रवाई के लिए संबंधित बीएसए को भेजे गए पत्र।
2014 में भी पकड़े गए थे 16 फर्जी शिक्षक : बीएड की फर्जी उपाधि की तरह ही टीईटी की फर्जी अंकतालिका से नटवरलाल बेसिक शिक्षा परिषद में नौकरी पा गए थे। फर्जी डिगरी धारी शिक्षकों की जाँच 2014 में भी हुए थी उस जनक में भी शाहजंहापुर 16 मुन्नाभाई शिक्षक पकड़े गए थे। विभाग इन शिक्षकों पर बर्खास्त करते हुए इन पर 420 का मामला भी दर्ज कराया था। माध्यमिक व उच्च शिक्षा में भी फर्जी शिक्षक धरे जा चुके हैं।