बसिक शिक्षा परिषद में हुए शिक्षक भर्ती घोटले का खुलासा करते हुए उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स-एसटीएफ ने मंगलबार को मथुरा से 16 लोगो को गिरफ्तार कर चार लाख रूपये, एक कंप्यूटर और चार नियुक्ति पत्र बरामद किए है। गिरफ्तार किए गए लोगो में मुख्य अभियुक्त बीएसए ऑफिस का बड़ा बाबू, दो कंप्यूटर ऑपरेटर, 9 फ़र्ज़ी शिक्षक सहित 4 दलाल शामिल है। संजीव सिंह पूर्व बीएसए फरार है। एसटीएफ ने दावा किया है कि मथुरा में अधिकारीयों की मिलीभगत से बनाये गए 150 शिक्षकों ने न तो कभी आवेदन किया और न ही इन्होने ने शिक्षक पात्रता परीक्षा पास की है और न ही बीएड किया है। एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए 2016-2017 में 27000 पद निकले थे। जूनियर हाई स्कूल और प्राइमरी स्कूलों में होने वाली इस शिक्षक भर्ती की जिम्मदारी जनपद स्तर पर बीएसए को दी गई थी।
मथुरा में 272 पदों पर भर्ती होनी थी जिसमें से 257 पदों पर प्रक्रिया पूरी कर ली है। पूर्व में जारी मेरिट लिस्ट को संसोधित कर 6 महीने पूर्व एक अलग सूची तैयार की गई थी। 150 लोगो से 10-10 लाख रूपये लेकर फ़र्ज़ी डॉक्यूमेंट बनाकर बिना आवेदन किए ही इनको नौकरी दे दी। इसकी गोपनीय शिकायत पर एसटीएफ ने छानबीन शुरू की बड़े घोटले का खुलासा हुआ। एसटीएफ ने बताया कि इस पुरे भर्ती घोटाले का मुख्य आरोपी बीएसए ऑफिस का बड़ा बाबू महेश शर्मा के माध्यम से ग्राहक तैयार किए गए। महेश शर्मा ने बताया कि उसके हिस्से में 10 में से 1 से 1.5 लाख रूपये आते थे। एसटीएफ को शक है कि इस भर्ती घोटाले का एक हिस्सा आला अधिकारीयों को जाता था, जिनसे पूछताछ कि तैयारी कि जा रही है। इस भर्ती घोटाले में कुछ सफेदपोश भी शामिल है। आनंद कुमार ने बताय कि अभी और जिलों में भी जाँच कराई जाएगी। जरूरत पड़ने पर पर एसआईटी गठित दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कि जाएगी।
सरकार बदलने के साथ किया गया खेल: सूत्रों ने बताया कि आचार सहिंता लागू होने से पहले ही नियुक्तियों के लिए मेरिट सूची जारी की गई, लेकिन आचार सहिंता लागू होने के कारण नियुक्यि पत्र नहीं दिए गए। इसी दौरान सरकार बदल गई। आरोप है की मेरिट लिस्ट दोवारा तैयार की गई और 10 10 लाख रूपये लेकर लोगो को शिक्षक बनाया गया
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