चंडीगढ़: संयुक्त मेरिट लिस्ट के कारण नौकरी से बाहर हुए जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों को अतिथि शिक्षकों की तरह अनुबंध पर रखने की तैयारी है। मौलिक शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों ने लोअर मेरिट के जूनियर बुनियादी प्रवृत्ति शिक्षकों का विस्तृत ब्योरा और आवेदन पत्र में मांगे गए वर्गों की सूचना शिक्षा विभाग को भेज दी है। उन्हें मई के अंत में नौकरी मिली थी लेकिन कुछ दिन बाद ही हाई कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2011 और 2013 की संयुक्त मेरिट सूची बनने से 1259 जेबीटी कम मेरिट में आ गए। इस कारण प्रदेश से 1017 और मेवात कैडर के 242 जेबीटी शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को सभी डीईईओ को पत्र जारी कर एक दिन के भीतर लोअर मेरिट के सभी शिक्षकों द्वारा आवेदन पत्र में भरे हुए पसंदीदा स्कूलों की सूची तलब कर ली। बुधवार दोपहर तक ज्यादातर जिलों से इन शिक्षकों का पूरा डिटेल शिक्षा निदेशालय पहुंच चुका था। जल्द ही उन्हें अनुबंध के आधार पर स्कूलों द्वारा भेज दिया जाएगा। 12 हजार 731 जेबीटी शिक्षकों की संयुक्त मेरिट लिस्ट बनने के बाद हटाए गए शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति के मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रायल चल रहा है। 7 दिसंबर को मामले में बहस होगी।
सरकार चाहती है कि इन शिक्षकों को पक्की नौकरी मिले। चूंकि मामला हाईकोर्ट में चल रहा है, इसलिए उसके हाथ बंधे हैं। अदालत का फैसला हक में आया तो बाद में सभी को पक्का कर दिया जाएगा। पात्र अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने सरकार की पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला आने तक अगर लोअर मेरिट के सभी शिक्षकों को अनुबंध आधार पर रखा जाता है, तो यह हमें स्वीकार होगा।
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