प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि विहित कानूनी प्रक्रिया के तहत खाली पद भरने का अधियाचन भेजे बगैर कालेज प्रबंध समिति द्वारा स्थायी पद पर की गई नियुक्ति शून्य मानी जाएगी। कोर्ट ने छह अक्टूबर, 2021 को एकलपीठ द्वारा याचिका निरस्त करने संबंधी आदेश के खिलाफ विशेष अपील खारिज कर दी है। याचिका में जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज के नियुक्ति को मान्यता नहीं देने को चुनौती दी गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी व न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कृष्ण मोहन तिवारी की विशेष अपील पर दिया है।
नागरिक शास्त्र प्रवक्ता के 30 जून, 1998 को सेवानिवृत्त होने पर पद खाली हुआ। इसका अधियाचन बोर्ड को नहीं भेजा गया। प्रबंध समिति ने स्वयं विज्ञापन निकाला और याची की नियुक्ति कर ली। याची ने 30 अगस्त, 1998 को ज्वाइन भी कर लिया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एक्ट 1982 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश को चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर याचिका खारिज कर दी। उसे अपील में चुनौती दी गई है। याची का कहना था कि बोर्ड से नियुक्ति नहीं होने पर प्रबंध समिति को नियुक्ति का अधिकार है।
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