इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उप्र इलाहाबाद और राज्य सरकार से दूसरे प्रदेश के निवासियों को सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल न करने की वैधता की चुनौती याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने पुनीत कुमार व 103 अन्य लोगों की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याचियों को 68500 शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग में शामिल करने का निर्देश देते हुए कहा है कि कोर्ट की अनुमति से ही इनका परिणाम घोषित किया जाए। याचियों का कहना है कि राज्य सरकार ने पांच साल से रह रहे लोगों को ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है। जबकि प्रत्येक नागरिक को भारत में अपनी मर्जी से कहीं भी निवास करने का मूल अधिकार प्राप्त है। सरकार की ओर से प्रदेश का निवासी होने की अनिवार्यता, याचियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर जवाब मांगा है। सुनवाई पांच सप्ताह बाद होगी।
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